PayPal ने लॉन्च किया स्टेबल कॉइन पेमेंट कंपनी पेपाल ने स्टेबल कॉइन लॉन्च किया है। ये अमेरिकी डॉलर से जुड़ा होगा। PayPal ऐसी पहली बड़ी फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी फर्म है जिसने डिजिटल करेंसी को पेमेंट और ट्रांसफर के लिए शामिल किया है। इस खबर के सामने आने के बाद कंपनी के शेयरों में 2.66% की तेजी देखने को मिली है। इस कंपनी के फाउंडर एलन मस्क हैं। हालांकि, उन्होंने ईबे को साल 2002 में इसे 1.5 अरब डॉलर में बेच दिया था।

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PayPal launches stable coin : PayPal ने लॉन्च किया स्टेबल कॉइन 2

स्टेबल कॉइन्स, एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है जिसे डॉलर के रेट से जोड़कर अस्थिरता को कम करने के लिए डिजाइन किया गया है। अभी टीचर सबसे बड़ा स्टेबलकॉइन है। इसके बाद USD कॉइन है। PayPal के स्टेबल कॉइन का नाम PayPal USD है। इसे पेक्सॉस ट्रस्ट नाम की कंपनी जारी करेगी। अभी ये क्रिप्टोकरेंसी अमेरिका में PayPal ग्राहकों तक सीमित होगी।

स्टेबलकॉइन को कभी भी अमेरिकी डॉलर में कर सकते हैं कन्वर्ट

इस स्टेबलकॉइन का एक फायदा यह है कि इसे किसी भी समय अमेरिकी डॉलर में कन्वर्ट किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल बिटकॉइन सहित पेपैल के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध अन्य क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री के लिए भी किया जा सकता है।

मेटा साल 2019 में लॉन्च नहीं कर पाया था अपना स्टेबल कॉइन

इससे पहले भी कई बड़ी कंपनियों ने स्टेबल कॉइन पेश करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें फाइनेंशियल रेगुलेटर्स के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबलिटी से जुड़ी चिंताओं के कारण मेटा साल 2019 में अपने स्टेबलकॉइन लिब्रा को लॉन्च नहीं कर पाया था।

डिजिटल एसेट को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए

स्टेबल कॉइन में बढ़ती रुचि के जवाब में, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन सहित कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने हाल ही में इन डिजिटल एसेट को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए हैं। यूरोपीय संघ की नीतियां जून 2024 में प्रभावी होने वाली हैं।

पेपाल ने फिनटेक सेक्टर में बदलाव लाया

पेपाल की शुरुआत 1998 में हुई थी जब पीटर थिएलल और 3 साथियों ने कन्फिनिटी नाम की कंपनी बनाई। कन्फिनिटी के टेबलेट जैसे दिखने वाले डिवाइस के जरिए यूजर्स पैसों का ट्रांजैक्शन कर सकते थे। साल 2000 में मस्क ने अपनी ऑनलाइन बैंकिंग कंपनी X.com के साथ इसका मर्जर कर दिया और कुछ टाइम बाद इसका नाम पेपाल कर लिया। ईबे ने 2002 में इसे 1.5 अरब डॉलर में खरीद लिया। आज के हिसाब से ये रकम करीब 12 हजार करोड़ रुपए होती है।

पेपाल साल 2000 में मर्जर से स्थापित की, 2002 में इसे बेच दिया , प्रोडक्ट ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम है। इससे मनी ट्रांसफर कर सकते हैं

  1. बदलाव: कंपनी ने डिजिटल रिवॉल्यूशन में मदद की
  2. पेपाल दुनिया में सबसे ज्यादा वैल्यूएबल डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म है।
  3. 200 से ज्यादा देशों में 25 से ज्यादा करेंसी में पेमेंट ले सकते हैं।
  4. 2022 में इसकी वैल्यू 17 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी।
  5. PayPal वैल्यू : 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा

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