भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI गवर्नर शक्तिकांत दास आज मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में लिए फैसलों की जानकरी देंगे। RBI ब्याज दरें और महंगाई का अनुमान जारी करेगा। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग 6 जून से चल रही थी।

image 69
आज RBI जारी करेगा ब्याज दर और महंगाई का अनुमान 4

SBI का मानना है कि इस बैठक में भी RBI रेपो रेट को अपरिवर्तित रखेगा। FY24 के लिए महंगाई के अनुमान को भी घटाया जा सकता है। पिछली मीटिंग में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था, इकोनॉमी में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिए हमने पॉलिसी रेट में बदलाव में नहीं किया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम स्थिति के हिसाब से कदम उठाएंगे।

मई 2022 से फरवरी 2023 तक RBI ने दरों में 2.50% की बढ़ोतरी

मई 2022 से फरवरी 2023 तक RBI ने दरों में 2.50% की बढ़ोतरी की है। पिछली मीटिंग जो अप्रैल में हुई थी उसमें रेपो रेट को 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया था। मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है।

रेपो रेट में बदलाव न होने से लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी

RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

image 70
आज RBI जारी करेगा ब्याज दर और महंगाई का अनुमान 5

रेपो रेट का EMI कनेक्शन टेपो रेट वो दर होती है जिस पर RBI

से बैंकों को कर्ज मिलता है इसी तरह जब रेपो रेट बढ़ता है | रेपो रेट घटाता है, तो बैंक वो कर्ज लेना महंगा हो जाता है भी ब्याज दरों को कम करते हैं।

इसी तरह जब इकोनॉमी बुरे दौर से गुजरती है तो रिकवरी के लिए मनी फ्लो बढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में RBI रेपो रेट कम कर देता है। इससे बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज सस्ता हो जाता है और ग्राहकों को भी सस्ती दर पर लोन मिलता है। इस उदाहरण से समझते हैं। कोरोना काल में जब इकोनॉमिक एक्टिविटी ठप हो गई थीं तो डिमांड में कमी आई थी। ऐसे में RBI ने ब्याज दरों को कम करके इकोनॉमी में मनी फ्लो को बढ़ाया था।

रेपो रेट में बदलाव न होने से लोन महंगे नहीं होंगे, EMI भी नहीं बढ़ेगी

RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है। जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा। बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं। इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है। मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है।

महंगाई से राहत मिल सकती है, RBI महंगाई अनुमान घटा सकता है

RBI ने FY24 के लिए अपने महंगाई अनुमान को घटा सकता है। पिछली बार भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में RBI गवर्नर ने महंगाई के अनुमान में कटौती की जानकारी दी थी। वायसरॉय प्रॉपर्टीज के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर साइरस मोदी के मुताबिक, इकोनॉमी में सुधार के संकेत दिख रहे हैं लेकिन सेंट्रल बैंक महंगाई को काबू में रखना चाहता है।

ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आगे चलकर RBI इस स्तर पर दरों को रोक देगा और कैलेंडर ईयर 2025 से दरों को कम करना शुरू कर देगा। सेंट्रल बैंक का लक्ष्य ग्रोथ रेट और महंगाई के बीच संतुलन बनाना है। हमें उम्मीद है कि एक रेगुलर मानसून ईयर महंगाई को कम करने में मदद करेगा जिससे ब्याज दरों में कमी आएगी।

image 71
आज RBI जारी करेगा ब्याज दर और महंगाई का अनुमान 6

महंगाई कैसे प्रभावित करती है?

महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।

इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट trickhindi.in के साथ आपका इस बारे में क्या ख्याल है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो से शेयर जरूर करें|