इन देशी नुस्खों से मिटा सकते हैं पुराने दाग धब्बे

जले के दाग से भी छुटकारा, लेजर थेरेपी भी कारगर चेहरा संवारे:

बचपन में खेलते हुए या फिर किचन में खाना बनाते हुए लोगों के हाथ-पांव अक्सर जल जाया करते हैं। जलने के ये घाव तो कुछ सप्ताह से लेकर महीने दो महीने में ठीक हो जाते हैं। लेकिन इस जलन का दाग ताउम्र साथ रह जाता है। जो हमेशा उस जलन की याद दिलाता और स्किन की खूबसूरती में धब्बे के बतौर मौजूद रहता है। लोग इस दाग से छुटकारा पाने के लिए तमाम तरह के उपाय अपनाते हैं। दवाइयों, क्रीम के अलावा कई तरह के देसी नुस्खे भी सुझाए जाते हैं। इनमें कई नुस्खे मिथ पर भी आधारित होते हैं। जिससे कोई फायदा नहीं होता। जबकि कई नुस्खे फायदेमंद भी होते हैं।

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ऐसे में डॉक्टर से यह जान लेना जरूरी है कि जलने के बाद क्या करें कि दाग गहरा न हो और दाग होने के बाद उसे किस तरह हटाए ….

दाग की उम्र और गहराई पर निर्भर करता है इलाज

स्किन स्पेशलिस्ट डाक्टर के मुताबिक के दाग का इलाज उम्र और गहराई पर निर्भर करता है। अगर दाग बहुत पुराना और गहरा नहीं है तो उसे देसी घरेलू नुस्खों या दवाइयों से ठीक किया जा सकता है। लेकिन अगर दाग पुराना और गहरा है तो वह आसानी से नहीं जाता है। ऐसे दाग पर दवाइयां और क्रीम भी बेअसर हो जाती हैं। ऐसे में लेजर थेरेपी से इसे ठीक किया जा सकता है। आजकल छोटे शहरों में भी ये थेरेपी आसानी से उपलब्ध है।

स्किन की तीन लेयर होती हैं; जलन भी तीन स्तर की

स्किन की तीन लेयर होते हैं- एपिडर्मिस, डर्मिस और हाइपोडर्मिस स्किन की पहली लेयर एपिडर्मिस होती है। यह मौसम के बदलते तापमान में बॉडी की रक्षा करती है। इसके बाद डर्मिस होती है, जो जलन और चोट से शरीर की रक्षा करती है। सबसे आखिरी परत हाइपोडर्मिस होती है, जो स्किन को मांस और हड्डी से अलग करती है।

इसी तरह जलन भी तीन स्तर के होते हैं। इन्हें फर्स्ट डिग्री, सेकेंड डिग्री और थर्ड डिग्री बर्न कहते हैं। फर्स्ट डिग्री बर्न में स्किन की पहली परत जलती है। जबकि सेकेंड डिग्री में दूसरी और थर्ड डिग्री बर्न में तीनों परत जल जाती हैं। सेंकेंड और थर्ड डिग्री बर्न का दाग आसानी से नहीं जाता।

संक्रमण बढ़ने पर बढ़ जाता है अमिट दाग का खतरा

डॉ. बताते हैं कि जलन में अगर इन्फेक्शन हो तो घाव बड़ा हो जाता है। ऐसे में दाग के बड़ा और अमिट होने का खतरा होता है। इसलिए जरूरी है कि जलन होने पर ध्यान रखें कि घाव में इन्फेक्शन न हो। इसका ध्यान रखना भी जरूरी है कि घाव पर जो चीजें लगा रहे हैं, वो इन्फेक्शन का कारण न बने।

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ये घरेलू नुस्खे जले के दाग को कम कर सकते हैं

कुछ घरेलू नुस्खे भी हैं, जिसे जलन के घाव के ठीक होने के बाद दाग पर आजमाया जा सकता है। ओस की बूंद को इसमें काफी कारगर माना जाता है। कहते हैं कि रात को गिरी ओस की बूंद के सुबह दाग पर लगाने से यह धीरे-धीरे हल्का पड़ता जाता है। इसके अलावा नारियल का तेल, टमाटर और नींबू का रस भी दाग पर लगाने के लिए फायदेमंद माना जाता है। हल्दी और शहर के आयुर्वेदिक लेप को भी दाग खत्म करने में मददगार माना जाता है।

‌‌डॉक्टर बताते हैं कि अलग-अलग स्किन पर कई तरह के देसी नुस्खे काम कर जाते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि कोई भी नुस्खा घाव के ठीक होने के बाद ही अपनाएं। जलने पर पहली प्राथमिकता घाव को जल्द से जल्द ठीक करने और संक्रमण रोकने को दें। उसके बाद दाग की गहराई के अनुसार देसी नुस्खे, दवाइया क्रीम या लेजर थेरेपी की मदद ले सकते हैं।

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