खाली वक्त में रिलैक्स के लिए क्या करते हैं? लाइट ऑफ कर सुकून से टीवी देखते हैं या मोबाइल का स्क्रीन स्क्रॉल करते हैं। लेकिन जरा ठहरिए । सुकून के ये पल आपकी आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। अंधेर में आंखों में सीधी जाती टीवी या मोबाइल की नीली रोशनी आपकी नजर को हमेशा के लिए कमजोर कर सकती है। इससे मैक्यूलर डिजनरेशन (Macular Degeneration) जैसी गंभीर समस्या हो सकती हैं।
मैक्यूला के एक बार खराब होने के बाद इसे ठीक करना लगभग नामुमकिन होता है। यानी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। ऐसे में रात में स्क्रीन देखने के खतरे और इसके सही तरीके को जान लेना जरूरी है।
ब्लिंकिंग रेट कम कर देती है मोबाइल टीवी की रोशनी
अंधेरे में स्क्रीन देखने से मोबाइल, लैपटॉप या टीवी की रोशनी सीधे आँखों तक आती है। जिसके चलते आंख उस रोशनी पर ज्यादा कॉन्सन्ट्रेट करने लगती है। जिसके चलते आंखों की ब्लिंकिंग रेट कम हो जाती है। सामान्य इंसान प्रति मिनट 12 से 14 बार पलक झपकता है। लेकिन लगातार स्क्रीन देखने से यह रेट कम होकर 6 से 7 रह जाती है। ब्लिंकिंग रेट कम होना ही ड्राइनेस, जलन, इन्फेक्शन, मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी आंख की ज्यादातर समस्याओं का कारण बनता है।
मोबाइल से निकलने वाली रोशनी किसी भी वक्त आंखों के लिए नुकसानदायक है। लेकिन अंधेरे में यह और ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है।
रेटिना को नुकसान पहुंचाती है स्क्रीन लाइट
अंधेर में मोबाइल, लैपटॉप या टीवी से निकलने वाली लाइट आंख में मौजूद रेटिना को प्रभावित करती है। जिसके चलते धीरे-धीरे यह ढीली हो जाती है। रेटिना को नुकसान पहुंचने के बाद धुंधला दिखाई देता है। सोने से पहले और उठने के तुरंत बाद फोन चलाना सबसे खबसे खतरनाक माना जाता है। इस वक्त आंखों को सबसे ज्यादा आराम की जरूरत होती है।
नपुंसक कर सकती है फोन की रोशनी, तनाव और कैंसर की भी वजह
ब्रिटेन की एक्टिजर यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक मोबाइल से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक किरणें नपुंसकता का कारण बन सकता हैं। दूसरी कई रिसच में मोबाइल फोन की रोशनी को तनाव और कैंसर का भी कारण बताया गया है।
दिन में इस वजह से होता है कम नुकसान
दिन में या लाइट में हमारी आंखें फोन के स्क्रीन पर ज्यादा फोकस नहीं करती। जिसके चलते इसका प्रभाव भी आंखों पर कम पड़ता है। लेकिन रात में या अंधरे में हमारी आंखें सीधे स्क्रीन को देखती हैं। जिसके चलते आंखों पर कम असर पड़ता है।
कुछ सरल उपाय जिससे आप भी अपनी आँखों को सुरक्षित रख सकते है
1.अंधेर में जहां तक संभव हो स्क्रीन से दूर रहें।
2.हर 20 मिनट स्क्रीन टाइम के बाद 20 सेकेंड का ब्रेक लें।
3.रात में अलग स्क्रीन पर समय बिताना हो तो कोशिश करें कि कमरे की लाइट जलती रहे।
4.परेशानी लगातार रहे तो तत्काल डॉक्टर की सलाह लें।
5.रात में फोन चलाते हुए नाइट मोड को ऑन कर लें।
6. ब्लू कट लेंस का चश्मा पहनना भी फायदेमंद हो सकता है। ये स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी को काफी हद तक रोक देती है।
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