रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी सुजलॉन का शेयर बीते एक महीने में लगभग डबल हो गया है। सुजलॉन के शेयरों में तेजी की वजह यह बताई जा रही है कि भारत की सबसे बड़ी विंड टरबाइन मेकर की नेटवर्थ एक दशक के बाद पॉजिटिव में आ गई है। कंपनी को लगभग छह साल बाद मुनाफा हुआ है और पिछले दो महीनों में उसके ऑर्डर भी दोगुना हो गए हैं। सुजलॉन का शेयर बढ़कर ₹15.75 हुआ एक महीने पहले यानी 15 मई को सुजलॉन का शेयर ₹8.2 का था। वहीं 12 जून को इसका शेयर बढ़कर ₹15.75 हो गया था, जो इसका 52 वीक हाई भी है। हालांकि, आज यानी गुरुवार (15 जून) को कंपनी का शेयर मामूली बढ़त के साथ ₹14.50 पर बंद हुआ।

Suzlon Energy Ltd 1 महीने में निवेशकों के ₹1 लाख को बनाया ₹2 लाख
अगर किसी निवेशक ने 1 महीने पहले कंपनी के 1 लाख रुपए के शेयर खरीदे होते तो उसका निवेश अब डबल होकर 2 लाख रुपए हो गया होता। सुजलॉन के ग्लोबल CEO जे पी चलसानी ने बताया, ‘फेवरेबल मार्केट कंडीशन और स्ट्रॉन्ग बैलेंस शीट आने वाले सालों में हमें आगे बढ़ने में मदद करने वाली है।’
सुजलॉन की ऑर्डर बुक बढ़कर 1,542 मेगावॉट हुई
31 मार्च 2023 को सुजलॉन की ऑर्डर बुक 652 मेगावॉट (MW) थी, अब यह बढ़कर 1.542 मेगावॉट हो गई है। हाल के हफ्तों में मिले कुछ बड़े ऑर्डरों की बदौलत कंपनी के शेयरों में तेजी आई है। नए फाइनेंशियर ईयर में अब तक फर्म को 890 मेगावाट के ऑर्डर मिले हैं। ऑर्डर बुक का लगभग 780 मेगावाट (51%) अब इसकी नई 3 मेगावाट (S144) विंड टरबाइन जनरेटर (WTG) सीरीज के लिए है।
कंपनी ने दुनिया भर में एक माईलस्टोन हासिल किया
भारत में सुजलॉन के पास अब अपने 2.1 मैगावाट WTGs के लिए 3.1 GW की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी है। जब कंपनी 3 प्लस MW WTGs की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी, तो इसकी कैपेसिटी को फेज्ड मैनर से 4500 MW तक बढ़ाया जाएगा। इस हफ्ते कंपनी ने दुनिया भर में 20 गीगावाट (GW) इंस्टाल्ड विंड टरबाइन कैपेसिटी का माईलस्टोन भी हासिल किया। पूरे भारत में इंस्टाल्ड विंड कैपेसिटी का 33% सुजलॉन का है। सुजलॉन ने FY21 में 59 MW और FY22 में 204 MW ऐड किया था। वहीं कंपनी FY23 में 808 MW और FY24 में 664 MW ऐड कर सकती है।

FY23 में सुजलॉन का रेवेन्यू ₹5,947 करोड़ रहा
सुजलॉन का रेवेन्यू FY20 में ₹2,933 करोड़ और FY21 में ₹3,295 करोड़ था। वहीं कंपनी का रेवेन्यू FY22 में ₹6,520 करोड़ और FY23 में ₹5,947 करोड़ हुआ था। कंपनी का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (PAT) FY23 में ₹167 करोड़ रहा। पिछले छह साल के बाद कंपनी का PAT पहली बार पॉजिटिव में आया है।
FY23 में कंपनी की नेट वर्थ भी पॉजिटिव में आई
FY23 के आखिरी तक कंपनी की नेट वर्थ ₹1,099 करोड़ हो गई है। एक दशक के बाद पहली बार कंपनी की नेट वर्थ पॉजिटिव में आई है। फाइनेंशियल ईयर 2023 में कंपनी का नेट डेट घटकर 1, 180 करोड़ रुपए हो गया, जो FY20 में 13,003 करोड़ रुपए था। कंपनी ने मई 2022 में राइट्स इश्यू और रिफाइनेंसिंग के जरिए 16 लेंडर्स को सिर्फ 2 नए लेंडर्स में बदल दिया। सुजलॉन के लिए एक और पॉजिटिव यह है कि कंपनी के पास FY23 में नेट फाइनेंस कॉस्ट को 44% तक कम करने की क्षमता थी। अब कंसोलिडेटेड नेट फाइनेंस कॉस्ट FY20 में ₹1,340 करोड़ से घटकर FY23 में ₹401 करोड़ हो गई है।
सुजलॉन एनर्जी पुणे बेस्ड विंड टर्वाइन मैन्युफैक्चरर 1995 में तुलसी तांती जे सुजलॉन बनाई थी कंपनी के पास 100 से ज्यादा विंड फार्स

2005 के बाद टॉप 6 ग्लोबल ऑनशोर टरबाइन मेकर्स में से एक बनी थी सुजलॉन
- सुजलॉन ने 2005 से दुनिया भर में अपना बिजनेस तेजी से बढ़ाने की कोशिश की और पांच साल में कंपनी टॉप-6 ग्लोबल ऑनशोर टरबाइन मेकर्स में से एक बन गई। अपनी इस जर्नी के दौरान कंपनी ने जर्मनी के रिपॉवर और बेल्जियम के गियरबॉक्स मेकर हैनसेन ट्रांसमिशन जैसी कंपनियों को खरीदा।
- FY 2009 तक सुजलॉन का रेवेन्यू ₹26,000 करोड़ से ज्यादा हो गया और कंपनी को ₹1,600 करोड़ का नेट प्रॉफिट हुआ था। हालांकि, कुछ समय बाद सुजलॉन के US विंड फार्म्स में इसकी मशीनों के कुछ ब्लेड्स टूट गए थे और ग्लोबली इसका मार्केट भी क्रेश हो गया था।
- कंपनी ने फिर एक रेट्रोफिटिंग प्रोग्राम की कोशिश की थी, लेकिन इस घटना की व्यापक रूप से पश्चिमी मीडिया और भारत में रिपोर्ट की गई। जिसके कारण कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2010 में ₹68,000 करोड़ से घटकर ₹8,000 करोड़ हो गया था। इसके बाद सुजलॉन को बिजनेस में काफी नुकसान हुआ और कंपनी को कर्ज चुकाने में असमर्थता के कारण पांच बार डेट रिस्ट्रक्चर करना पड़ा था।
- इसके बाद सन फार्मास्युटिकल्स के प्रमोटर दिलीप सांघवी सुजलॉन के लिए एक मसीहा बनकर आए। उन्होंने 2015 में ₹1,800 करोड़ में कंपनी की 239% हिस्सेदारी खरीदी। फिर बैंकों ने सुजलॉन को लोकल मार्केट पर फोकस करने और लागत कम करने के लिए बिजनेस को रिऑर्गेनाइज्ड करने को कहा था।
- अब सुजलॉन की मुश्किलें कुछ हद क खत्म हो रही हैं। वहीं कंपनी के फाउंडर चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर तुलसी तांती का पिछले साल 1 अक्टूबर को 64 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था।
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