भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को बकरीद की छुट्टी की चलते बंद रहे थे। डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट की वीकली और मंथली एक्सपायरी इस बार एक दिन पहले बुधवार को ही हो गई थी। बुधवार को बाजार अच्छी खासी बढ़त लेकर बंद हुआ था। बीएसई सेंसेक्स 0.79 फीसदी या 499.39 अंक बढ़कर 64,915 पर बंद हुआ था। वहीं, एनएसई निफ्टी 0.82 फीसदी या 154.70 अंक बढ़कर 18,972.10 पर बंद हुआ था। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने ही बुधवार को नया ऑल टाइम हाई लेवल बनाया था। आइए जानते हैं कि आज कौन-से शेयर ट्रेड में रह सकते हैं।
इन शेयरों में दिख रही तेजी
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेस डिवर्जेस (MACD) ने NTPC, PFC, Karnataka Bank, JSW Steel R EPL पर तेजी का रुख दिखाया है। एमएसीडी को ट्रेडेड सिक्योरिटीज या इंडेक्स में ट्रेंड रिवर्सल के संकेत के लिए जाना जाता है। जब एमएसीडी सिग्नल लाइन को पार करता है, तो यह एक तेजी का संकेत देता है, यह दर्शाता है कि शेयर की कीमत में ऊपर की ओर गति देखी जा सकती है। इसी तरह यह मंदी का भी संकेत देता है।

इन शेयरों में मंदी का संकेत
एमएसीडी (MACD) ने Bank of Baroda, Rain Industries, Crompton Greaves, Restaurant Brands Asia और LIC शेयर में मंदी का संकेत दिया है। इसका मतलब है कि अब इन शेयरों में गिरावट शुरू हो गई है।
इन शेयरों में दिख रही खरीदारी
जिन शेयरों में मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है, उनमें JBM Auto, Karnataka Bank, Essel Propack, PFC 3R BLS International Services शामिल हैं। इन शेयरों ने अपना 52 हफ्ते का उच्च स्तर पार कर लिया है। यह इन शेयरों में तेजी का संकेत देता है।

इन शेयरों में है बिकवाली का दबाव
जिन शेयरों में बिकवाली का दबाव दिखाई दे रहा है, उनमें Viji Finance, Tirupati Forge, AG Universal, Jet Airways Rajesh Exports शामिल हैं। इन शेयरों में काफी अधिक बिकवाली देखने को मिल रही है। इन शेयरों ने 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर दर्ज किया है। यह इन शेयरों में मंदी का संकेत है।
PIL योजना में निवेश बढ़ाने के लिए कंपनियों से होगी बात
नई दिल्ली: पीएलआई योजना में सुधार की कवायद जोरों पर है। स्कीम के तहत निवेश बढ़ाने के लिए सरकार कंपनियों से बात करेगी। सरकार का पूरा जोर है कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत निवेश, उत्पादन के साथ ही निजी निवेश भी बढ़े। मगर अभी तक उसे अपेक्षा के अनुरूप में सफलता नहीं मिली है। जिन कंपनियों ने इस पीएलआई योजना के तहत निवेश किया, उनके निवेश से संबंधित समस्या को जल्द समाधान किया जाएगा ताकि वे अपना निवेश लक्ष्य हासिल कर सकें। सूत्रों के अनुसार सरकार ने सभी मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वे अपने सेक्टर में पीएलआई योजना चलाने वाले विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिये कि जो कंपनियां पीएलआई योजना से जुड़ी है, वे अपने उत्पादन लक्ष्य भी हासिल करें।

गौरतलब है कि सरकार ने पीएलआई योजना के तहत मार्च, 2023 तक मिले 3,400 करोड़ रुपये के दावों में से केवल 2,900 करोड़ रुपये का ही वितरण किया है। सरकार ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2021 में 14 सेक्टरों के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की थी। इसके लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। एक उच्चाधिकारी ने बताया कि संबंधित मंत्रालयों को सुझाव दिया गया है कि वे पीएलआई की लाभार्थी कंपनियों को परामर्श के लिए बुलाएं और इस दौरान कोई मुद्दा उठाया जाता है तो वे इससे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को अवगत कराए ताकि उन मुद्दों को उच्चतम अधिकारियों के साथ उठाया जा सके।
इस योजना के समन्वय की जिम्मेदारी संभालने वाले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने पीएलआई लाभार्थियों से भी कहा है कि वे योजना से संबंधित किसी भी मुद्दे को संबंधित मंत्रालय या विभाग के साथ चर्चा में उठाएं।
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