छग बेमेतरा : बेमेतरा द्वारा कल प्राकृतिक खेती पर जागरूकता कार्यक्रम सह किसान दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 130 कृषकों की सहभागिता रही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. टी.डी. साहू, प्राध्यापक, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बेमेतरा डॉ. एस. मलैया, प्राध्यापक, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बेमेतरा, सरपंच प्रतिनिधि श्री नंदकिषोर वर्मा, ग्राम-झाल, कुमारी रेखा ठाकुर, उद्यानिकी विभाग तथा कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख व वैज्ञानिकों की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।
डॉ. टी.डी. साहू द्वारा प्राकृतिक खेती पर अपना विचार व्यक्त करते हुए रासायनिक खेती से होने वाली हानि तथा प्राकृतिक खेती से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, श्री तोषण कुमार ठाकुर के द्वारा प्राकृतिक खेती को भविष्य की खेती बताते हुए समाज को रोगमुक्त रखने के लिए व खेती की लागत घटाने के लिए कृषकों को प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक किया गया।
बेमेतरा जिला में प्राकृतिक खेती के प्रति कृषकों में जागरूकता लाने हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र कार्यक्रम में उद्यानिकी विभाग से उपस्थित कुमारी रेखा ठाकुर के द्वारा उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु प्रेरित किया गया कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक डॉ. जितेन्द्र जोषी के द्वारा प्रेसेंटेषन तथा विडियों के माध्यम से कृषकों को प्राकृतिक खेती के घटक, बीजामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, अग्नियास्त्र इत्यादि के उपयोग व निर्माण विधि पर विस्तृत जानकारी दी गई।
कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा पाण्डेय के द्वारा प्राकृतिक खेती व जैविक खेती के अंतर के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए बीजामृत व जीवामृत निर्माण की विधि का प्रदर्षन किया गया। कृषकों के द्वारा कार्यक्रम को सुरूचि के साथ सुना गया तथा कार्यक्रम के अंत में कई कृषकों ने कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के मार्गदर्षन में भविष्य में प्राकृतिक खेती करने का निष्चय किया।
कार्यक्रम के दौरान कृषको को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक करने के लिए प्राकृतिक खेती से संबंधित विभिन्न घटकों के बारे में विस्तृत जानकारी देने वाले साहित्य व पाम्प्लेट का वितरण किया गया कार्यक्रम के आयोजन में कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के वैज्ञानिक डॉ. एकता ताम्रकार, डॉ. चेतना बंजारे, डॉ. हेमन्त साहू एवं श्री षिव कुमार सिन्हा श्री पलाष चौबे व अन्य कर्मचारियों की महत्वपूर्ण सहभागिता रही।