बैंकों में फाइव डे वर्किंग लागू करने की तैयारी

देश की बैंकिंग व्यवस्था में जल्द बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब बैंक सप्ताह में पांच दिन ही खुलेंगे। फाइव-डे वीक लागू होने के बाद देश के तमाम बैंक शनिवार को पूरी तरह बंद रहेंगे। अब तक सिर्फ महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को ही बैंक बंद होते थे।

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फाइव डे वीक होने से जो सबसे बड़ा बदलाव होगा वो बैंकिंग आवर्स में होगा। बैंक संघों का मानना है कि महीने के दो शनिवार कम होने से लगभग 13 घंटे की बैंकिंग प्रभावित होगी। इसकी भरपाई के लिए बैंक कर्मियों को रोज 40 मिनट ज्यादा काम करना होगा। बैंकों के अपडेटेड टाइमिंग फिलहाल तय होने हैं। मगर बैंक एसोसिएशन की ओर से जो प्रस्ताव दिया है उसके अनुसार सुबह के समय 10 मिनट और शाम के समय 30 मिनट की बढ़ोतरी के साथ बैंकिंग आवर्स बढ़ाए जा सकते हैं। इससे सोमवार से शुक्रवार 5 दिन कस्टमर को ट्रांजेक्शन के लिए रोज 40 मिनट अतिरिक्त बढ़ेंगे।

क्यों फाइव डे वीक की पड़ी जरूरत?

डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ने से फुटफॉल घटा

फाइव-डे वीक के पीछे बड़ी वजह देश में तेजी से बढ़ रहा डिजिटल ट्रांजेक्शन है। बैंकिंग एक्सपर्ट्स बताते हैं कि सरकार लगातार बोल रही है कि इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई सहित डिजिटल ट्रांजेक्शन बढ़ रहा है। ऐसे में कैश की जरूरत व्यक्ति को ज्यादा नहीं पड़ती। अगर थोड़ी-बहुत पड़ती भी है तो एटीएम से वो जरूरतें पूरी हो जाती हैं। यही वजह है कि बैंकों में अब फाइव डे वीक की जरूरत ज्यादा महसूस होने लगी है। हालांकि बैंकों में फाइव-डे वीक की डिमांड काफी पहले से थी।

देश में हो रहे डिजिटल ट्रांजेक्शन को लेकर पीआईबी की हालिया रिपोर्ट पर नजर डालें तो यह पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। 2017-18 में जहां देश में 2071 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुआ करते थे। वहीं 2022-23 में 31 दिसम्बर तक ये बढ़कर 9192 करोड़ ट्रांजेक्शन हो गए। इसी तरह अगर डिजिटल ट्रांजेक्शन की राशि की बात करें तो 2017-18 में 1962 लाख करोड़ का डिजिटल ट्रांजेक्शन था जो 2022-23 में 31 दिसंबर तक 2050 करोड़ का हो गया है। हालांकि कोविड के दौर में इसमें ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिली थी।

12 सरकारी और 21 प्राइवेट बैंकों सहित 78 बैंक दायरे में

इस नई व्यवस्था के दायरे में देश के तमाम बैंक आएंगे। 12 सरकारी 21 प्राइवेट बैंकों सहित 78 बैंक हैं। ग्रामीण बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और लोकल बैंक सहित तमाम बैंक फाइव डे वीक के दायरे में आएंगे। एसबीआई, बीओबी, पीएनबी, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सिस सहित तमाम प्रमुख बैंक इसमें शामिल हैं। राजस्थान की बात करें तो राजस्थान में बड़ौदा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक इनमें शामिल हैं। 18 लाख बैंकर्स को बड़ी राहत मिलेगी। बैंकों से जुड़े संघों के अनुसार देशभर में लगभग 8 लाख सरकारी तो लगभग 9 लाख प्राइवेट बैंकर्स हैं। वहीं, ग्रामीण सहित अन्य बैंकों को मिलाकर लगभग 18 लाख बैंकर्स के लिए यह बड़ी राहत होगी। इनमें ऑफिसर्स और क्लर्क दोनों स्तर के बैंकर्स शामिल होंगे। बैंकर्स लंबे समय से यह डिमांड कर रहे थे।

2015 के बाद से फाइव-डे वीक की थी मांग

बैंकिंग इंडस्ट्री में शुरुआती दिनों में 6 दिन का सप्ताह हुआ करता था। इसके बाद हर शनिवार को हाफ डे की व्यवस्था शुरू हुई। लम्बे समय तक यह व्यवस्था बैंकिंग इंडस्ट्री में चली। इसके बाद मई 2015 में बैंकों के 10वें सेटलमेंट में महीने के दो सप्ताह दूसरे और चौथे शनिवार का यह अवकाश शुरू किया गया। अब लगभग 8 साल बाद शनिवार को पूरी तरह से अवकाश की तैयारी की जा रही है। इस खबर में पोल भी दिया गया है, इसमें भाग लेकर आप अपनी राय जाहिर कर सकते हैं।

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सरकार की मंजूरी के साथ ही लागू होगा सिस्टम

फाइव-डे वीक करने को लेकर बैंक एसोसिएशनों के बीच सहमति बन गई है। इंडियन बैंक एसोसिएशन और आईबी और यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक के बीच सहमति बन गई है। अब सरकार की मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव भेजा गया है। तमाम बैंकों के मैनेजमेंट ने भी इसके लिए हामी भर दी है। सरकार की सहमति मिलते ही आरबीआई के दखल के साथ ही बैंकों को इसके ऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे। आने वाले लगभग 2 से 3 महीनों में बैंकिंग व्यवस्था में यह सिस्टम लागू हो सकता है।

पहले से ज्यादातर विभागों में है फाइव-डे वीक

देश में ज्यादातर सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट से जुड़े विभागों में फाइव-डे वीक पहले से लागू है। केंद्र में रेलवे को छोड़कर ज्यादातर विभागों में फाइव डे वीक है। इसके अलावा राज्य में इमरजेंसी और ऑपरेशन्स से रिलेटेड सर्विसेज को छोड़कर ज्यादातर विभागों में फाइव-डे वीक है। बैंकिंग से समानांतर विभागों की बात करें तो एलआईसी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया सहित सभी विभागों में फाइव डे वीक है।

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