दिवाली पर वास्तु के अनुसार रखें दीये, मां लक्ष्मी का होगा आगमन

पर वास्तु के अनुसार रखें दीये
दिवाली पर वास्तु के अनुसार रखें दीये, मां लक्ष्मी का होगा आगमन 3

दिवाली एक या दो दिन का नहीं बल्कि पूरे 5 दिनों का त्योहार होता है। यह धनतेरस से आरंभ होकर भाई दूज तक चलता है। यह 5 दिन समृद्धि के लिहाज से की जाने वाली पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जहां दीपों की पंक्तियां हर शहर, हर गांव के हर घर में दूर से ही देखी जा सकती हैं और जगमगाते दीपक आपको तारों का एहसास कराते हैं। लोग अपने घर के हर एक कोने को दीयों से सजाते हैं।

दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। दिवाली को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन चारों ओर दीयों की रोशनी से अमावस्या की काली अँधेरी रात में पूर्णिमा जैसी बन जाती है। दिवाली को घरों और कुछ अन्य जगहों पर दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन जगहों पर दीपक जलाने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि दिवाली को किन जगहों पर दीपक अवश्य जलाना चाहिए।

दिवाली के दीयों का महत्व:

दीपक में जो तेल डाला जाता है वह हमारे मन की नकारात्मक भावना का प्रतिनिधित्व करता है और उसमें जल रही बाती हमारी आत्मा का। इस प्रकार जलता हुआ दीया हमारी आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है। जलते दीपक की पंक्तियों के बीच जब हम लक्ष्मी गणेश का पूजन करते हैं तो हम धन और लाभ दोनों को प्राप्त करने की कामना करते हैं। यदि वास्तु के कुछ नियमों को ध्यान में रखकर दिशा विशेष में अपने घर को दीयों से सजाया जाए तो शुभ परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

मंदिर में जलाएं दीपक:

दिवाली के दिन सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहन कर पूजा करनी चाहिए। दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्त्व है। दिवाली को सबसे पहले घर के मंदिर में दीपक जलाना चाहिए। लक्ष्मी पूजन के बाद माँ लक्ष्मी के सामने दीपक जला के रखें। जिस थाली में दीपक को रखें उसमें सोने या चांदी का कोई आभूषण जैसे अंगूठी आदि जरूर रखें। यदि संभव हो तो सबसे पहले अपने घर में जलाए गए दीपक को पास के किसी मंदिर में अवश्य ले जाएं और उनमें से कुछ दीपक मंदिर में रखें व बाकी दीपक वापस अपने घर ले जाएं।

दीयों के लिए दिशा का रखें विशेष ध्यान:

दिवाली में दीपक को रखने का वास्तु के अनुरूप बहुत अधिक महत्व बताया गया है। दिवाली का दिया मंदिर के बाद अपने घर के पूजा कक्ष में सबसे पहले रखें। पूजा कक्ष यदि उत्तर पूर्व दिशा या ईशान कोण में हो तो वहां दीया जलाना सबसे ज्यादा अच्छा माना जाता है। यदि आप का मंदिर घर के ईशान कोण में नहीं बना हुआ है तो ऐसी स्थिति में भी आप अपने घर के ईशान कोण को चिन्हित करके, सबसे पहले वही दीपक जलाएं।

तुलसी का पौधा:

घर के पूजा स्थल के बाद दूसरा दीया तुलसी के पौधे के पास रखें. तुलसी का पौधा भी ईशान कोण में हो तो काफी अच्छा माना जाता है. एक दीया घर के किचन में भी रखना चाहिएओ. इससे मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद मिलत है. घर के दक्षिण-पूर्व कोने में भी एक दीया जरूर रखना चाहिए। तुलसी का पौधा भी ईशान कोण में ही रखा जाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है यह हमें सुख शांति ऐश्वर्य आरोग्य प्रदान करती है। दीपक रखते समय यह प्रार्थना करनी चाहिए कि आपके घर में मां लक्ष्मी का आशीर्वाद, स्वास्थ्य और ऐश्वर्य के रूप में बना रहे। ईशान कोण को ईश्वर का कोना भी कहा गया है यहां दीपक रखते समय आपको यह प्रार्थना करनी चाहिए कि परमपिता परमेश्वर का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहे और उनकी दृष्टि भी हम पर बनी रहे।

तेल का करें इस्तेमाल:

घर पर वायव्य कोण और दक्षिण दिशा में भी एक दीया जरूर रखना चाहिए. दक्षिण दिशा यम की मानी जाती है. इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है. दिवाली पर दीया जलाते समय तेल का ही इस्तेमाल करें और बाती गोल न होकर हमेशा लंबी होनी चाहिए।

  • दिवाली के दिन घर के सभी कोनों में रोशनी होनी चाहिए। लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कोनों में दीपक जलाकर अवश्य रखें। घर की दिवारों, खिड़की, बाथरूम, छत पर दीपक जलाकर रखें।
  • दिवाली के दिन भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए शमशान में एक दीपक जरूर जलाकर रख दें।
  • दिवाली के दिन बेलपत्र के पेड़ के नीचे दीपक जलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी आर्थिक परेशानियां से मुक्ति मिलता है।
  • दिवाली के दिन मंदिरों में भी दीप दान करना शुभ माना जाता है। दिवाली को घर के पास स्थित किसी मंदिर में दीप दान करें। ऐसा करने से आपको समस्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलेगा।
  • दिवाली को रात में घर के आस-पास किसी चौराहे पर दीपक जलाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में समृद्धि आती है।
  • दिवाली में नल पर भी दीपक जलना शुभ माना जाता है। इसके अलावा घर में जहाँ पानी रखा जाता है वहां भी एक दीपक अवश्य रखें।
  • दिवाली के दिन पीपल को दीप दान करना शुभ माना जाता है। दिवाली को रात के समय पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। लेकिन ध्यान रखें कि पीपल के नीचे दीपक जलने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए।
  • वैसे तो हर दिन घर के आँगन में तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए। लेकिन दिवाली के दिन एक दीपक जलाकर तुलसी के चौरे में अवश्य रखें। दिवाली के दिन तुलसी की पूजा भी अवश्य करें।
  • दिवाली के दिन कुलदेवता या कुलदेवी की पूजा भी अवश्य करनी चाहिए। दिवाली को अपने कुलदेवता या कुलदेवी के पूजा स्थान पर दीपक जलाएं। इसके अलावा पितरों को दीप दान समर्पित करें।
  • दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी मुख्य द्वार से ही घर में प्रवेश करती हैं। लक्ष्मी पूजन के बाद घर के मुख्य दरवाजे के बाहर दोनों तरफ दीपक अवश्य जलाएं। दिवाली के दिन घर के अंदर ही नहीं, घर के बाहर भी रोशनी होनी चाहिए।

रसोई में रखें दीपक:

एक दीपक आपको अपनी रसोई में रखना चाहिए जहां आपको अन्नपूर्णा माता का आशीर्वाद मिले और देवी अन्नपूर्णा से भी यह प्रार्थना करें कि आपका घर सदा धन-धान्य से भरा रहे। यदि आपकी रसोई दक्षिण पूर्वी कोने में है, तो वहां दीपक जरूर रखें। यदि ऐसा नहीं है तो ऐसी स्थिति में घर के दक्षिण पूर्व कोने में दिवाली का एक दीपक रख सकते हैं, जो कि वास्तु के नियमों का पालन माना जाता है।

दिवाली का दीया वायव्य कोण में रखें:

दिवाली का एक दीया आपको घर के वायव्य कोण में जरूर रखना चाहिए। इसके बाद चौथा दीपक आपको दक्षिण दिशा जो कि यम की दिशा है, वहां रखना चाहिए इससे हमें हमारे पूर्वजों की कृपा दृष्टि प्राप्त हो सके। इस दिशा में दीपक रखते समय आप अपने परिवार उन सदस्यों से जो कि शांत हो चुके हैं अपने वर्तमान परिवार के लिए आशीर्वाद की कामना करें।

पूजाघर में इस दिशा में न रखें दीपक:

  • दक्षिण दिशा:

वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिशा में दीपक की लौ नहीं होना चाहिए। मान्यता है कि इस दिशा में दीपक की लौ होने से धन हानि का सामना करना पड़ता है। क्योंकि इस दिशा को यमराज की दिशा माना जाता है। इसलिए भूलकर भी इस दिशा की ओर दीपक की लौ नहीं रखनी चाहिए।

इस दिशा में दीपक की लौ होना है अच्छा:
  • पूर्व दिशा में दीपक:

मान्यता है कि दीपक की लौ पूर्व दिशा की ओर होना शुभ होता है। इस दिशा में दीपक जलाने से जातक लंबी उम्र पाता है।

  • पश्चिम दिशा:

वास्तु के हिसाब से पश्चिम दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। दीपक की लौ इस ओर रखने से हर समस्या से छुटकारा मिल जाता है। मान्यता है अगर आपको किसी भी तरह का दुख हैं, तो इस दिशा की ओर लौ करके दीपक जलाएं।

  • उत्तर दिशा:

उत्तर दिशा में भी दीपक की लौ होना शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस दिशा में दीपक के लौ होने पर धन लाभ होता है।

दीपक जलाते समय बोले ये मंत्र:

वेद-शास्त्रों के अनुसार, दीपक को जलाते समय इस मंत्र को जरूर बोलना चाहिए। इससे व्यक्ति के सभी कामों पर अच्छा फल पड़ता है। इसके साथ ही धन लाभ होता है।

दीपज्योति: परब्रह्म:

दीपज्योति: जनार्दन:

दीपोहरतिमे पापं संध्यादीपं नमोस्तुते…

शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं सुखं सम्पदां

शत्रुवृद्धि विनाशं च दीपज्योति: नमोस्तुति…

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट trickhindi के साथ।