जाने ऐसे 5 कारण जिनसे कारण दिमाग कमजोर हो जाता है

हर व्यक्ति अपने दिमाग को तेज व तंदुरुस्त बनाना चाहता है परंतु कुछ लोग अपने दैनिक जीवन में कुछ ऐसी गलत आदतें अपना लेते हैं जिनके कारण दिन-प्रतिदिन उनका दिमाग पहले से कमजोर हो जाता है वे छोटी-छोटी बात को बहुत ही जल्दी भूल जाते हैं इसके साथ ही उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन भी आ जाता है।

आइए जानते हैं वो 5 आदतें जिनकी वजह से दिमाग कमजोर हो जाता है:

1.देर रात तक जागना

रात को समय पर सोना और सुबह सूरज निकलने के बाद जागना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है प्राकृति ने रात सोने के लिए और दिन काम के लिए बनाया है, लेकिन कुछ लोग देर रात यानि सुबह होने तक जागते हैं और आधे दिन तक सोते हैं अगर हम कुदरत को दरकिनार करके अपना रास्ता अलग बनाएंगे तो उसका अंजाम हमें भुगतना ही होगा अच्छी सेहत और दिमाग के लिए रात की नींद बेहद जरूरी है रात को दस बजे तक सोना और सुबह 6 बजे तक जागना अच्छी सेहत के लिए जरूरी है कुछ लोग देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप चलाते रहते हैं इससे उनके दिमाग पर काफी बोझ पड़ता है और धीरे-धीरे दिमाग कमजोर होने लग जाता है।

देर रात तक जगने से सुबह हम देर तक सोते रहते हैं, जिससे हमारा भोजन ठीक से पचता नहीं और हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है अगर आपको अक्सर देर रात तक काम करने या जागने की आदत है तो इस आदत को जल्द से जल्द बदल दीजिए, देर रात तक जगने से दिमाग कमजोर होने के अलावा और भी समस्या होती है और वो कौन कौन से समस्या है उसे जान लेते है

  • देर रात तक जागने वाले लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने से बॉडी में अन्य बीमारियां जैसे ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट डिजीज के खतरे बढ़ने लगते हैं।
  • देर रात तक जागने से भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन का स्तर भी प्रभावित होता है।
  • देर रात तक जागने से आप मानसिक रोगी बन सकते हैं सुबह तक जागने से दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर पर बुरा असर पड़ता है, जिससे डिप्रेशन, एंग्जाइटी और सनक जैसी मानसिक बीमारियां हो सकती हैं।
  • नींद पूरी नहीं होने की वजह से आपको दिन में गाड़ी चलाते समय नींद की झपकी आ सकती है जिससे दुर्घटना होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • सुबह देर से उठने से बॉडी में आलस भरा रहता है जिससे काम करने में मन नहीं लगता।
  • दिन तक सोने से सिर भारी रहता है और आंखों में दर्द और आंखों की कई समस्याएं लगातार बनी रहती है।
  • रात भर जगने से दिमाग पर भी असर पड़ता है। देर रात तक जागने से भ्रम की समस्या पैदा हो जाती है। नींद पूरी नहीं होने के कारण ऐसी चीजें दिखती हैं जिनका असल में कोई अस्तित्व ही नहीं होता।

2.धूम्रपान

आजकल सामाजिक रूप से धूम्रपान कम हो गया है अधिकांश कार्यस्थलों, शॉपिंग मॉल, थिएटर और स्टोर्स पर धूम्रपान को बंद कर दिया गया है हालांकि इन सब के बावजूद यह बहुत महंगी आदत अभी भी समाज में जारी है। ज्यादातर लोग टीनेज में धूम्रपान शुरू करते हैं और वे बड़े होने तक इसके आदी हो जाते हैं लोगों में धूम्रपान करने के कई अलग-अलग कारण होते हैं जैसे जिज्ञासा, सहकर्मी का दबाव, एक समूह के साथ फिट होने की इच्छा आदि धूम्रपान करने वाले लोगों का भी दिमाग धीरे धीरे कमजोर होने लगता है इसके अलावा जो लोग किसी भी प्रकार का नशा करते हैं, उनका दिमाग दूसरे लोगों की अपेक्षा कमजोर हो जाता है।

धूम्रपान मोटापे, मादक द्रव्यों के सेवन, संक्रामक रोगों और यातायात दुर्घटनाओं के मुकाबले लोगों को अधिक मारता है सिगरेट या बीड़ी के धुएं में सबसे हानिकारक रसायनों में से कुछ निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन साइनाइड, फॉर्मलाडीहाइड, आर्सेनिक, अमोनिया, सीसा, बेंजीन, ब्यूटेन, कैडमियम, हेक्सामाइन, टोल्यूनि आदि हैं। ये रसायन धूम्रपान करने वालों और उनके आसपास वालों के लिए हानिकारक होते हैं।

अधिक मात्रा में सिगरेट का सेवन सेहत के साथ दिमाग के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है डॉक्टर कहते हैं कि सिगरेट का सेवन करने से लंग्स से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं कहा जाता है कि दुनिया में जितनी भी मौतें कैंसर से होती हैं उनमें सबसे अधिक लंग कैंसर से होती है।

3.पर्याप्त नींद ना लेना

नींद पूरी ना होने से बॉडी थका हुआ महसूस करती है इससे मूड भी खराब होता है मूड में अचानक से कई बदलाव होने लगते है इसके साथ ही आप स्ट्रेस में भी रहने लगते है नींद पूरी ना होने से ना सिर्फ बॉडी को बल्कि दिमाग को भी पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता जिसकी वजह से बॉडी पेन, अकड़न, सिर में भारीपन, चिड़चिड़ेपन जैसी प्रॉब्लम्स होने लगती है, इम्मयून सिस्टम का स्ट्रॉन्ग रहना भी बेहद जरूरी है. इसके लिए अगर पूरी नींद ना ली जाए तो इम्मयून सिस्टम वीक होने लगता है. जिससे आप बहुत जल्दी बीमारियों की चपेट में आ सकते है. पूरी नींद ना लेने से सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियां ज्यादा होती है जिसकी वजह से बॉडी का इम्मयून सिस्टम उनसे लड़ नहीं पाता है।

कम नींद लेने से डाइजेशन सिस्टम पर भी बेहद असर पड़ता है इससे डाइजेशन पॉवर वीक होने लगती है जिसकी वजह से स्टमक क्लीन ना होने और कॉन्स्टिपेशन जैसी प्रॉब्लम्स होने लगती है ये तो हमने पहले ही बताया दिया था कि नींद पूरी ना होने से डायबिटीज की प्रॉब्लम शुरू होती है वो ऐसे होती है कि जब कम नींद ली जाती है तो ब्लड शुगर लेवल ज्यादा हो जाता है जिसकी वजह से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है जो लोग प्रतिदिन 6 से 8 घंटे की नींद नहीं लेते हैं, उनका भी दिमाग दूसरे लोगों की अपेक्षा कमजोर होने लगता है इसीलिए हर व्यक्ति को प्रतिदिन अपने दिमाग को तंदुरुस्त बनाने के लिए अच्छी नींद भी लेनी चाहिए।

ये कुछ ऐसे कारण है जो पूरी नींद ना लेने पर बॉडी में जन्म लेते है और दिमाग को कमजोर बनाते है इसलिए, 8 घंटे की नींद बॉडी के लिए बहुत जरूरी है।

4.छोटी-छोटी बातों को सोचना

हर व्यक्ति सोचने के लिए स्वतंत्र है हालांकि यह हर व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस बात को कितना ज्यादा महत्व देता है और उसके बारे में कितना सोचते रहना चाहता है कुछ लोग होते हैं जो छोटी-छोटी बातों को अपने जीवन में महत्व नहीं देते, भले ही वह किसी रिश्ते से जुड़ी हो या फिर उनके काम से उनके हिसाब से मामूली बातों को वहीं खत्म कर देने में ही भलाई है, जबकि ज्यादातर लोग किसी की कही बातों या अन्य किसी बेवजह की बात को दिल से लगा बैठते हैं और बार-बार कई दिनों तक इसके बारे में ही सोचते ही रहते हैं।

जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत तनाव दे सकती है जो लोग अपने दिमाग में छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव लेते हैं उन लोगों का दिमाग भी धीरे धीरे कमजोर होने लगता है इसीलिए अपने दिमाग को चिंता मुक्त रखने की कोशिश करनी चाहिए, अगर आप भी वास्तव में उन लोगों में से हैं, जिन्हें हर छोटी बात को बहुत ज्यादा सोचने की आदत है, तो हम यहां आपको कुछ ऐसे तरीके बता रहे हैं, जिनसे आप खुद को ज्यादा सोचने से रोक सकेंगे इसीलिए अपने दिमाग को चिंता मुक्त रखने की कोशिश करनी चाहिए।

समाधान की तलाश करने के लिए अपने मास्तिष्क को समझाना बेहद जरूरी है हालांकि एक ही बारे में अधिक सोचना और बस सोचते ही रहना आपके दिमाग को पागल तक कर सकता है जब आप उन चीजों या बातों के बारे में सोचते रहते हैं, जो आपके नियंत्रण में नहीं है तो आप खुद से पूछें कि क्या यह सही है यदि आप इसके बारे में कुछ कर सकते हैं तो आपका सोचना सही है अगर नहीं तो अपने समय और स्वास्थ्य को खराब करने से कोई मतलब नहीं है।

कुछ स्थितियों में आपको केवल गहरी सांस लेने या ध्यान करने से ही बहुत फायदा होता है अधिक सोचने और मन को परेशान करने के बजाय गहरी सांस लें इससे आपका मन शांत होगा और शरीर को भी आराम मिलेगा यकीन मानिए इसके बाद आप खुद अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए तैयार हो जाएंगे इसीलिए अपने दिमाग को चिंता मुक्त रखने की कोशिश करनी चाहिए।

5.संतुलित भोजन ना लेना

शरीर और दिमाग के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी होता है अगर आप एक बैलेंस डाइट नहीं ले रहे हैं, तो आपको कई बीमारियां घेर सकती है और आपका दिमाग भी कमजोर हो सकता है जो लोग संतुलित भोजन नहीं लेते हैं, उनका भी दिमाग अन्य लोगों की अपेक्षा कमजोर हो जाता है इसीलिए दैनिक जीवन में अपने दिमाग को तंदुरुस्त रखने के लिए संतुलित भोजन भी लेना जरूरी होता है।

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संतुलित आहार शरीर के विकास के लिए बेहद जरूरी है अच्छे खानपान के कारण ही हमारा शरीर रोग-बीमारियों से लड़ पाता है एक स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग के बल पर ही इंसान अपने पूरी क्षमता का उपयोग कर पाता है हर उम्र के लोगों के लिए संतुलित आहार की जरूरत होती है अगर आपके शरीर को पूरे दिन भी संतुलित आहार नहीं लेते हैं तो आपको कमजोरी लगने लगती है क्योंकि हमारा शरीर इन्हीं पोषक तत्वों से बना होता है और अगर यही पोषक तत्वों की कमी हो जाए, तो आपका शरीर बीमार पड़ सकता है साथ ही शरीर जिन कोशिकाओं से मिलकर बना है सभी पोषण के अभाव में टूटने लगता है और शरीर बीमार पड़ने लगता है।

संतुलित आहार की कमी से सबसे पहले संक्रामक रोग शरीर को घेर लेते हैं क्योंकि संतुलित आहार की कमी से शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे संक्रामक रोग जल्दी हो सकते हैं इसमें सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और कुछ अन्य इंफेक्शन आदि शामिल है जो संतुलित आहार न लेने पर सबसे पहले हो सकते हैं अगर आपको बार-बार सर्दी-जुकाम हो तो इसे हल्के में न लें क्योंकि हो सकता है कि ये शरीर की लो इम्यूनिटी की वजह से हो सकता है इसलिए अपने खानपान में सभी पोषक तत्वों को शामिल करना बहुत जरूरी है।

संतुलित आहार में कमी के कारण क्रोनिक डिजीज भी आपको परेशान कर सकते हैं क्रोनिक डिजीज में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज , हृदय संबंधी समस्याएं और जेनेटिक रोग भी हो सकते हैं दरअसल संतुलित आहार न लेने पर कोलेस्ट्रोल से लेकर ब्लड सर्कुलेशन तक सब खराब हो जाता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है और अगर ब्रेन तक ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से न हो तो इससे स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है इसलिए इन बीमारियों से बचने के लिए अच्छी डाइट बहुत जरूरी है इसीलिए दैनिक जीवन में अपने दिमाग को तंदुरुस्त रखने के लिए संतुलित भोजन भी लेना जरूरी होता है।