मेरा मेरी भाभी के साथ कुछ ऐसा अनुभव हुआ जो नहीं होना चाहिए था,तो मैं आपको बता रहा हु मेरे भाभी से जुडी कुछ रोचक कहानी
मेरे घर में मैं, दादी, दादा, माँ, पापा बड़ी दीदी,और मेरा बड़ा भाई सभी एक साथ रहते थे दीदी की शादी हो गई थी और एक ही भाई हैं मेरा वो भी मुझसे 2 साल बडा़ और सबसे छोटी मैं ही थी, छोटी होने के कारण सब की लाडली थी और घर का सबसे सुंदर और बडा़ कमरा मुझे मिला था भाई की शादी 2010 में हुई, दादा जी को प्रोफेसनल बहु नहीं चाहिए थी तो दादाजी ने पहले ही भाई से कह दिया था कि मुझे सुंदर और साधारण परिवार की बहु चाहिए ताकि एक अच्छा ससुराल मिलने पर उसे वो सारी सुख सुविधा मिल सके जो अभाव वश उसे ना मिल पाई हो और घर पर उसकी मौजूदगी से घर भी भरा पूरा लगेगा क्योंकि रीना की भी विवाह की उम्र हो गई है तो वो भी एक दिन चली जायेगी, फिर उसकी कमी भी बहु के रहने पर नहीं खलेगी।
एक परिचित ने ऐसे ही साधारण घर की लड़की का रिश्ता बतलाया लड़की सुंदर और पढ़ी लिखी थी दादाजी ने लड़की के पिता को बारात के स्वागत के लिए सारे खर्च की रकम स्वयं दी लड़कीवालो का कुछ भी खर्चा नहीं होने दिया जो कि मेरी नजर में एक मिसाल है बहुत ही धूम धाम से भाई की शादी हुई।
शादी के बाद जब भाभी भाई गोवा से आए तो मेहमानों के जाने का सिलसिला शुरू हुआ बडे़ पापा,मम्मी, मामा मामी, चाचा चाची और भी बहुत सारे रिश्तेदार जाते समय बहु को आशीर्वाद देने हेतु मिलते मगर मेरी भाभी किसी के भी पाव नहीं छूती मैंने ही एकबार उनसे कहा कि भाभी आप एक काम करो हाथ जोड़ कर ही प्रणाम कर लीजिए मगर भाभी ने मुझे कहा आज के जमाने में ये सब ओल्ड फैशन है ये रिश्तेदार मुझसे मिलने क्यों आते है कुछ बहाना बनाकर यहां से भेज दिया करो।
कुछ दिन बाद सिंगापुर हनीमून के लिए वो भाई के साथ चली गई जब आईं तो मम्मी ने एक शुभ मुहूर्त दिखलाकर बहु के खाना छूने की रस्म रखी दीदी और मुझे भाभी की सहायता के लिए रखा गया ऊपर के काम के लिए दो नौकर थे, लेकिन आज भाभी को ही सब करने की रस्म थी भाभी ने मछली को बिना धोए ही उसमे मसाले मिला दिए और फ्राई करने की तैयारी कर रही थी दीदी ने रोका और कहा रुको मैं मछली धो देती हूं, भाभी ने कहा एक काम कीजिए आप ही बना भी दीजियेगा मैं आकार छूने की रस्म कर दूंगी।
दादी को भी ये बात पता चली, दादी बोली जाने दो अभी नई है बचपना है अब खाना परोसने की बारी थी भाभी ने मुझसे कहा रीना देखो न अभी अभी नेल पेंट लगाई हूं आप ही सबका खाना टेबल पर लगा दीजिए।
मैंने कुक आंटी से खाना लगवा दिया सब खाने बैठे और उसके उपरान्त गिफ्ट देने की रस्म थी जिसे लेने वो सामने आ गई पापा ने डायमंड सेट दिया मम्मी लड्डू गोपाल दी दादी ने अंगूठी और दीदी ने कान की बाली दी दादा जी ने कहा मैं वहीं दूंगा जो भी तुम मांगो तुम हमारी इकलौती बहुरानी हो आखिर।
भाभी ने कहा दादाजी मुझे रीना का कमरा चाहिए, क्योंकि वो घर का सबसे बड़ा कमरा है और उसमे स्प्लिट ए सी है मुझे उन्हीं का कमरा पसन्द है और साथ ही मैं चाहती हू रूपा ( रूपा कुक आंटी की बेटी) मेरे काम करे वैसे भी अब रीना को थोड़े बहुत घर के कामों को सीखना चाहिए, ताकि शादी के बाद उनके काम आए।
दादाजी को पता था जो भी भाभी बोल रही है वो अनुचित है मगर उन्होंने मुझसे कमरा खालीकर भाभी के कमरे में शिफ्ट होने का फरमान सुना दिया। मगर मुझे ये मंजूर नहीं था।
पापा ने कहा देखो बहु रीना तो वैसे भी शादी के बाद चल जायेगी तब तुम ले लेना उसका कमरा और तेरे कमरे में विंडो ए सी को मैं चेंज करके स्प्लिट ए सी लगवा दूंगा।
मगर दादाजी ने पापा से कहा कि उन्होंने जबान दे दी है और रीना बहुत संस्कारी है बात मान लेगी।
तो मेरी भाभी ने महज आने के 1 महीने में ही मुझसे मेरा प्यारा बडा़ कमरा ले लिया वैसे मुझे पता है।