गर्मी की सर्दी सेहत की दुश्मन :इन दिनों मौसम ने अचानक से करवट ली है। राजधानी दिल्ली,छत्तीसगढ़, यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसी जगहों पर हुई बारिश ने तापमान को काफी नीचे ला दिया। लगातार पड़ती फुहारों ने मौसम सुहावना कर दिया है।
एक बार तो यकीन ही नहीं होता कि मई का महीना चल रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि पूरे सप्ताह मौसम ऐसा ही बना रहेगा।आमतौर पर साल के इस महीने अच्छी-खासी गर्मी पड़ने लगती है। इस वक्त तक लोग खुद को गर्मी के मौसम के हिसाब से ढाल चुके होते हैं। रजाइयां और गर्म कपड़े बॉक्स में रख दिए जाते हैं, गीजर अगली सर्दी तक के लिए बंद कर दिया जाता है। फ्रिज में पानी की बोतलें भर दी जाती हैं। लेकिन इस बार स्थिति अलग है। गर्मी के महीने में अचानक से बरसात और ठंड पड़ने लगी है। अचानक आई यह ठंडी बरसात लोगों के लिए मुश्किलों खड़ी कर रही हैं।
ऐसे बदलते मौसम के खतरे और इसमें खुद को हेल्दी रखने के तौर-तरीकों को जान लेना जरूरी है। थर्मल डिस-बायलेंस से फ्लू और इन्फेक्शन का खतरा गर्मी के दिनों में पड़ रही हल्की सर्दी सुहावनी भले लगे। लेकिन इसके कई खतरे भी हैं। डॉक्टर बताते हैं कि बदलता हुआ तापमान यानी थर्मल डिस-बायलेंस फ्लू और वायरस के फैलने का सबसे मुफीद समय होता है। ऐसे वक्त में कई तरह के इन्फेक्शन भी हो सकते हैं। अभी हुई सर्दी-खांसी लंबे समय तक टिक सकती है।
बारिश की वजह से तापमान में अचानक गिरावट आई है। हमारी बॉडी अचानक हुए इस बदलाव के लिए तैयार नहीं रहती। ऐसे में बीमार पड़ने की आशंका काफी अधिक हो जाती है। तापमान में अचानक हुए बदलाव से सबसे बड़ा खतटा फ्लू का होता है। इस मौसम में जरूरी है कि बॉडी के टेम्परेचर में बहुत बदलाव न आए। इसके लिए गर्म कपड़े पहनें और गर्म तासीर वाली चीजें खाएं। खुले हवा से बचने की जरूरत है।
कोरोना ने कम कर दी है इम्यूनिटी,
बच्चे-बुजुर्गों पर दें खास ध्यान डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना महामारी ने बड़ी आबादी की इम्यूनिटी कमजोर कर दी है। ऐसे में बदलता मौसम उनके लिए और खतरनाक हो जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे ठंडा-गरम कहते हैं। इसलिए लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों पर खास ध्यान देने की जरूरत है।
डॉक्टरों के अनुसार बेमौसम ठंड में बरतें येसावधानियां
डॉक्टरों के अनुसार बेमौसम ठंड में बरतें ये सावधानियां बॉडी को खुली हवा से बचाएं- इस मौसम की बारिश की ख़ासियत होती है कि इसमें तेज हवाएं भी चलती हैं। हवाएं काफी ठंडी होती हैं। ऐसे में ये हवा बीमार कर सकती है। इसलिए जरूरी है कि पूरे शरीर को ढंककर कपड़े पहनें और आंख, कान, नाक को खुली हवा से बचाएं। रात को सोते हुए अगर, पंखा-कूलर चला रहे हों तो एक चादर भी रख लें। शरीर को यथासंभव गर्म रखने की कोशिश करें। खानपान में भी लाएं बदलाव |
मार्च के खत्म होते ही लोग अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल कर लेते हैं, जो ठंडी तासीर की होती हैं। लेकिन बेमौसम की ठंड में कुछ दिनों के लिए इस आदत को रोक देना सही रहेगा। अभी के वक्त में विटामिन से भरपूर चीजें खाएं; दही, छाछ, लस्सी और आइसक्रीम वगैरह से परहेज करें।
बाहर के तापमान में चाहे जितना उतार-चढ़ाव आए लेकिन कोशिश करें कि शरीर का तापमान स्थिर रहे। नहीं तो फ्लू और वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। इस मौसम में कॉमन हैं पेट की समस्याएं बरसात के दिनों में पानी का दूषित होना और उससे पेट की समस्याएं आम होती हैं। अभी हो रही बरसात बेमौसम की है। इसलिए इसमें ये खतरा और अधिक है। ऐसे में पानी उबाल कर पिएं और डाइजेशन सिस्टम का ख्याल रखें। कई लोग बरसात में ज्यादा चाट-पकौड़ी खाना शुरू कर देते हैं; ऐसी आदतों से भी बचने की जरूरत है।
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