ब्लात्कार का मतलब /अर्थ है बल पूर्वक अति कार/कर्म करना या किसी दूसरे मनुष्य के द्वारा उसके प्रिय शरीर के साथ घातकी कर्म को मजबूरी वश सहन करना जिससे पीड़ित को तन मन को दुख प्राण संकट महसूस होता है अतः बलात्कार एक मानवीय अपराध है जिसे केवल मनुष्य ही कर सकता है पशु नहीं पशु कभी भी बलात्कार नहीं करते हैं ।ना स्व जातिय मादा पशु से न स्वजातीय नर से ,ना विजातीय मादाओं से।
केवल मनुष्य ही ब्लात्कार करता है स्वजातिय मादा स्त्री हो या स्वजातीय नर पुरुष हो ,कुछ मनुष्य तो इतने ज्यादा मनबढ़ अमर्यादित होते हैं कि वे विजातीय पशुओं की मादाओं और विजातीय नरों से ब्लात्कार करते हैं उनके कुकृत्य दुष्कर्म आप नैट पर देख सकते हैं बलात्कार केवल असामान्य प्रवृत्ति के लोग जिनका टैस्टोस्टीरोन नर हार्मोन अपने मानक स्तर से ज्यादा ऊँचा होता है जो उग्र चंडूल लड़ाकिया स्वभाव के सैडिस्ट मनोवृत्ति के लोग होते हैं जिन्हें दूसरों को चीखने चिल्लाने में मजा आता है वे लोग गुदा मैथुन के शौकीन अक्सर लड़को के साथ अक्सर बलात्कार करते है जिन लोगों के टैस्टोस्टीरोन का स्तर मानक से कम होता है स्वभाव से डर्रू डरपोक होते हैं वे महिलाओं से यौनसंबंधों में फेल होने के बाद कमजोर होने से बालक बालिका बच्चों और अबोध शिशुओं के साथ ब्लात्कार अपराध करते हैं।
दुनिया के देशों में बी सी के समाचार सूचना के अनुसार सबसे ज्यादा पुरुष ब्लात्कार लड़कों के साथ अफगानिस्तान ईरान इराक ट्यूनीशिया के बाद भारत में भी होता है लेकिन सामाजिक जग हंसाई के डर से पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई जाती है उल्लेखनीय तथ्य यह है कि पुरुषों /लड़कों के ब्लात्कार का % महिलाओं /लड़कियों के ब्लात्कार के %.की तुलना में ज्यादा है।
शेष है मानसिक ब्लात्कार :- किसी मनुष्य के मन मस्तिष्क में किसी दूसरे मनुष्य के विचारों को बल पूर्वक ठूंसना ,अपनी बात दूसरे को जबरनि सुनाना जिसे वह सुनना नहीं चाहता दूसरा मनुष्य उसे रोककर विवश करके अपनी बात सुनाकर ही मानता है जिससे उस मनुष्य को मानसिक क्लेश /अवसाद /दुख महसूस होता है वह मानसिक बलात्कार है । उदाहरण है गाली देना , गालीगलौज करना ,डाँट डपट करना ,धमकाना ,ये सभी कार्य मानसिक बलात्कार के अन्तर्गत आते हैं जिससे मन मस्तिष्क पर बुरा /घातक /खराब प्रभाव असर पड़ता है ।
सम्पत्ति बलात्कार :- जब कोई पुरुष हो या स्त्री किसी की संम्पत्ति को डरा कर , धमकाकर , धोखा देकर 420 सी से हड़प लेता है जिससे उसके जीवन को प्राकृतिक रूप से जीने में परेशानी/समस्या उत्पन्न होती है उसे मानसिक क्लैश /दुख होता है तो ऐसा सामाजिक अपराध सम्पत्ति ब्लात्कार की श्रेणी में आता है ।जिसमें पीड़ित व्यक्ति की सम्पत्ति उससे बलपूर्वक छीनी /हथिया ली जाती है और सम्पत्ति हीन व्यक्ति अभिशापित निर्धनता दरिद्रता गरीबी में सामाजिक अधिकार हीन जीवन जीने को मजबूर होता है ।
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जैविक बलात्कार :- जब किसी जीवित व्यक्ति स्त्री हो या हो पुरुष उसकी जैविक सम्पत्ति स्त्री ,पुरुष बच्चे , फसलों सहित खेती ,फल फूल सहित बाग उद्यानिकी संपदा पशु गाय भैंस बकरी बैल घोड़ा ऊँट हाथी आदि जिन पर उसकी जीविका आधारित /निर्भरता है वह उससे बलपूर्वक अपहरण करके छीन ली जाती है जिससे उसके सामने निजी जीवन जीने का विकल्प समस्या ग्रस्त होने से मानसिक शारीरिक कलेश /दुख उत्पन्न होता है वह जैविक क्षमता संसाधनों का बलात्कार कहा जाता है ।जिसमें मनुष्य मान सम्मान हीन सामाजिक अधिकार हीन जीवन जीने को मजबूर होता है ।
भौमिक बलात्कार :- जब किसी मनुष्य से उसकी भौमिक सम्पत्ति खेत घर प्लाट फ्लैट आदि बलपूर्वक डरा धमकाकर उससे छीन कर उसके सामने मरण संकट तुल्यकारक परिस्थितियाँ पैदा कर दी जाती हैं तो यह उसके साथ भौमिक ब्लात्कार की श्रेणी में आता है ।जबकि भूमि /जमीन की उपलब्धता मनुष्य तो क्या पशु तक का भी जन्मजात जन्मसिद्ध जन्मभूमि अधिकार है ।
मुद्राबलात्कार :- चोरी , डकैती ,आदि धातु मुद्रा , का बलपूर्वक अपहरण मुद्रा बलात्कार अपराध के परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त हो सकता है चोरी , डकैती ,आदि धातु मुद्रा , का बलपूर्वक अपहरण मुद्रा बलात्कार अपराध के परिप्रेक्ष्य में उपयुक्त हो सकता है ।
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