फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है और यह एक पॉपुलर इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है। लेकिन इस तरह के निवेश पर टैक्स के बाद मिलने वाला रिटर्न आम तौर पर बैंक की ओर से ऑफर की जाने वाली ब्याज दर से कम होता है।
![FD इन्वेस्टमेंट से मिले रिटर्न पर लगता है टैक्स : 2 image 24 1](https://trickhindi.in/wp-content/uploads/2023/05/image-24-1-1024x555.jpg)
मई 2023 में फंड्सइंडिया की वेल्थ कन्वर्सेशन रिपोर्ट के अनुसार, SBI, PNB, HDFC बैंक और ICICI जैसे बैंकों में 6 महीने के डिपॉजिट के लिए एवरेज इंटरेस्ट रेट लगभग 5% है। हालांकि पोस्ट-टैक्स रिटर्न केवल 3.49% है। इसी तरह 5 साल डिपॉजिट के लिए एवरेज इंटरेस्ट रेट लगभग 6.75% है, लेकिन टैक्स के बाद रिटर्न केवल 4.9% है।
FD पर टैक्स कैसे लगता है?
एक साल में FD पर आप जो भी ब्याज कमाते हैं, वो आपकी एनुअल इनकम में जुड़ जाता है। अगर आपकी इनकम टैक्स के दायरे में आती हैं तो स्लैब रेट के हिसाब से इस पर टैक्स चुकाना पड़ता है। ITR फाइल करते समय इसे इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज में शामिल किया जाता है। यहां एक और टैक्स है। टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स यानी TDS | जब बैंक आपकी इंटरेस्ट इनकम आपके अकाउंट में क्रेडिट करता है, तो उसी समय TDS काट लेता है। लेकिन TDS काटने की भी कुछ कंडीशन्स है। अगर एक साल में FD से 40,000 रुपए तक कमाया तो TDS नहीं काटा जाएगा। अगर कमाई 40,000 रुपए से ज्यादा है तो 10% TDS कटेगा।
![FD इन्वेस्टमेंट से मिले रिटर्न पर लगता है टैक्स : 3 image 25](https://trickhindi.in/wp-content/uploads/2023/05/image-25-1024x555.jpg)
पैन कार्ड नहीं देने पर बैंक 20% TDS काट सकता है। 60 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए एक साल में FD से 50 हजार तक की कमाई पर TDS नहीं लगता।
क्या TDS के क्लेम किया जा सकता है?
अगर बैंक ने FD पर कमाए इंटरेस्ट पर TDS काटा है और आप टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं तो ITR फाइलिंग के वक्त 100% रिटर्न क्लेम कर सकते हैं। यानी जो भी TDS बैंक ने काटा है वो आपके बैंक अकाउंट में वापस आ जाएगा। वहीं अगर आप टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो बैंक ने जो भी TDS काटा है वो एडजस्ट हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि TDS के फॉर्म में आप पहले ही टैक्स दे चुके हैं।
सही फिक्स्ड डिपॉजिट कैसे चुने?
बैंक, पोस्ट ऑफिस, NBFCS, हाउसिंग फाइनेंस कंपनीज, को-ऑपरेटिव बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक और कॉर्पोरेट डिपॉजिट FD ऑफर करते है। बैंक और पोस्ट ऑफिस FD’S सबसे ज्यादा सेफ मानी जाती है। इसमें मिलने वाला इंटरेस्ट NBFC’S, हाउसिंग फाइनेंस कंपनीज, स्मॉल फाइनेंस बैंक और कॉर्पोरेट डिपॉजिट की तुलना में कम होता है। वहीं को-ऑपरेटिव बैंक FD’S कम सेफ होती है। पिछले कुछ सालों में PMC बैंक से लेकर कुछ और कोऑपरेटिव बैंक के डूबने से जुड़ी खबरें आपने भी सुनी होगी।
![FD इन्वेस्टमेंट से मिले रिटर्न पर लगता है टैक्स : 4 image 26 1](https://trickhindi.in/wp-content/uploads/2023/05/image-26-1-1024x555.jpg)
NBFC और हाउसिंग फाइनेंस कंपनीज बैंक की तुलना में FD पर ज्यादा इंटरेस्ट ऑफर करते हैं। अगर इनमें इन्वेस्ट करना है तो इनकी क्रेडिट रेटिंग और विड्रॉल कंडीशन चेक करना चाहिए। AAA रेटिंग वाली FD को अच्छा माना जाता है। वहीं कॉर्पोरेट डिपॉजिट में भी ज्यादा इंटरेस्ट ऑफर किया जाता है। लेकिन इनमें इन्वेस्ट करना थोड़ा रिस्की है। अगर कोई कंपनी डूब गई को आपका पैसा वापस मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनीज की FD को ही चूज करना चाहिए।
मार्केट से जुड़े प्रोडक्ट में डायवर्सिफिकेशन की सलाह
एक्सपर्ट हायर रिटर्न के लिए म्युचुअल फंड जैसे मार्केट से जुड़े प्रोडक्ट के साथ इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का सुझाव देते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी स्कीम्स से आम तौर पर हायर लॉन्ग-टर्म रिटर्न्स टैक्सेशन के इम्पैक्ट को कंपनशेट कर देते हैं।
इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट trickhindi.in के साथ आपका इस बारे में क्या ख्याल है हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो से शेयर जरूर करें|