भीषण गर्मी से बचाएगी केर-सांगरी:

डायबिटीज, बदहजमी, एसिडिटी, बुखार में असरदार, सुखाकर खाने से ज्यादा फायदा

कहा जाता है कि हरी सब्जियां सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं, लेकिन कुछ ऐसी भी सब्जियां हैं, जिनमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। इन्हीं में से एक सब्जी है केर-सांगरी। इस सब्जी की गिनती पारंपरिक राजस्थानी खाने में भी होती है। खास बात ये है कि इसे उगाने के लिए किसी तरह की मेहनत नहीं करनी पड़ती। ये जंगल में प्राकृतिक तौर पर ही उगती है।

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आयुर्वेदाचार्य के अनुसार सूखने पर केर-सांगरी और अधिक फायदेमंद हो जाती है। लंबे समय से सर्दी-खांसी से परेशान हैं तो इसकी डंठल का चूर्ण बनाकर खाने से आराम मिलता है। केर-सागरी में विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन और कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जिससे खून की कमी और हड्डियों में दर्द जैसी समस्या में आराम मिलता है। तभी तो सूखने पर इसकी कीमत 5 गुना बढ़ जाती है। हरी केर-सांगरी 180 से 200 रुपए किलो मिलती है तो सूखी 1500 से 1800 रुपए किलो मिलती है।

स्वादिष्ट सब्जी अचार के अलावा बीमारियों में भी फायदेमंद केर-सांगरी

केर का पेड़ भारत में ज्यादातर राजस्थान में पाया जाता है। इस पेड़ पर छोटे-छोटे हरे फल आते हैं, जिनका इस्तेमाल सब्जी से लेकर अचार बनाने के लिए किया जाता है। सागरी भी सूखी जगहों पर ही पाई जाती है, इसलिए इसे ‘डेजर्ट बीन’ के नाम से भी जाना जाता है। ये फली मटर के परिवार से है, जिसे पकने पर ही तोड़ा जाता है। इसे सुखाकर आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, जिससे अस्थमा,बुखार, मलेरिया, आर्थराइटिस, और दस्त से निजात मिल सकती है।

गर्मियों के दिनों में शरीर को रखती है ठंडा

इस सब्जी को खाने से कई तरह की बीमारियों की आशंका कम हो जाती है। खासकर गर्मियों में केर-सांगरी जरूर खाएं। चाहें तो रोजाना इसका चूर्ण बनाकर पानी के साथ ले सकते हैं। ये शरीर को अंदरुनी तौर पर ठंडा रखने में कारगर है। इससे गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द की समस्या कम होगी और ये आपको लू से भी बचाएगा। सांगरी में शरीर के लिए जरूरी तकरीबन सभी न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं जो हड्डियों से लेकर हार्ट तक के लिए काफी फायदेमंद हैं।

इम्यूनिटी सिस्टम बूस्ट और कोलेस्ट्रॉल मेंटेन रखे

आजकल लोगों में तेजी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या देखी जा रही है, जिसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है। केर-सांगरी प्रोटीन, फाइबर और सैपोनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को मेंटेन रखता है। इसमें मैग्नीशियम अधिक मात्रा पाया जाता है, जिससे इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग रहती है। कोलेस्ट्रॉल लेवल मेंटेन रहने के कारण ये मोटापा भी बढ़ने नहीं देती।

डायबिटीज, बदहजमी, एसिडिटी, बुखार में केर असरदार

कर कई तरह की बीमारियों में असरदार मानी जाती है। इसे पीसकर चूर्ण बनाकर सुबह खाली पेट लेने से डायबिटीज कंट्रोल में रहती है। केर के डंठल से बने चूर्ण से कफ और खांसी में आराम मिलता है। केर की छाल के चूर्ण से पेट संबंधित सभी समस्याओं में आराम मिलता है। केर और सांगरी की सब्जी बनाने के लिए पहले इसे उबालना चाहिए ताकि अगर इसमें कड़वाहट हो तो वह निकल जाए।

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ऐसे बनाएं केर-सांगरी की पारंपरिक स्वादिष्ट सब्जी

  1. सबसे पहले सूखी सांगरी की पीछे की मोटी डंठल को तोड़ें और 8 से 10 घंटे के लिए पानी में भिगो दें।

2. सांगरी थोड़ी मुलायम हो जाएगी और उबालने पर सॉफ्ट हो जाएगी। इसके बाद केर को 2 से 3 बार पानी से साफ करें।

3.अब सांगरी को पानी में मुलायम होने तक उबाल लें। अब कुकर में घी गर्म कर उसमें हींग और जीरा डालकर चटकाएं। ‘हल्दी, धनिया, साबुत लाल मिर्च डालकर अच्छे से भून लें। मसालों के भुन जाने के बाद उसमें केर और सांगरी डालें।

4.थोड़ी देर बाद अमचूर पाउडर और नमक डालें। सब्जी को स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें मलाई या खोया भी डाल सकते हैं।

5.इसके बाद कुकर बंद कर दें और धीमी आंच पर सीटी आने तक पकाएं। 3 से 4 मिनट में ही आपकी सब्जी पक कर तैयार हो जाएगी।

6. केर-सांगरी की चटपटी और टेस्टी सब्जी रोटी या पराठे के साथ सर्व कर सकते हैं।

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